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Rajasthan’s Dalit Organisations Angry, Write Open Letter to Prime Minister and BJP

Dalits are angered because a person accused of a vicious attack on a Dalit engineer has been given the BJP's ticket to contest, despite sustained pressure that led the Congress to deny him a chance to participate in the elections.
Girraj Singh Malinga with Gajendra Singh Shekhawat. Photo: Girraj Singh Malinga/Facebook

Jaipur: There is growing anger among large sections of the Dalits in Rajasthan, over the Bharatiya Janata Party’s ticket distribution to Girraj Singh Malinga, after the Congress denied him a ticket from the Bari constituency in Dholpur. Malinga is accused of viciously attacking Harshadhipati Valmiki, a 28-year-old engineer with the Rajasthan power board, on March 28, 2022.

The incident was widely reported with details on how Malinga and his men beat Harshadhipati with rods and sticks while shouting casteist slurs, claiming he had disconnected the power supply to a village. Dalit organisations have now written an open letter which describes the injuries sustained by the engineer. The attack resulted in 22 broken bones, he was left nearly dead, and he is still in hospital, more than a year and a half years on.

Following the incident the BJP attacked the Congress, accusing Malinga of hooliganism and creating a “goonda raj” in the state. Dalit groups had criticised the Congress and had collectively appealed to the party to deny him a ticket in these elections.

The open letter first asks, नड्डा जी,मोदी जी,क्या यही है भाजपा का दलित-वाल्मीकि प्रेम ? (Nadda ji, Modi ji, Is this BJP’s love for Dalit-Valmikis?) It then goes on to express shock at the manner in which the BJP has welcomed Malinga into the party. The letter says, “The way responsible leaders of your party in Rajasthan spoke on the issue and criticised Girraj Singh Malinga gave us hope that the accused will be punished,” and then adds that instead “we are shocked that a man accused of Dalit atrocities was, with much fanfare and joy, taken into the BJP and on that occasion, Union minister Gajendra Singh Shekhawat distributed sweets and welcomed Malinga by feeding him laddoos.”

Speaking to The Wire, Bhanwar Meghwanshi, author and Dalit rights activist, said, “On the one hand, the BJP has made Dalit violence an election issue, putting up posters everywhere with the slogan, ‘Rajasthan will not tolerate Dalit atrocities, BJP is the solution,’ while on the ground, it is promoting a man who has committed a gruesome attack on a Dalit. This has exposed the BJP.”

Earlier this year, several Dalit groups across the state came together to form an umbrella organisation, called Anusuchit Jaati Adhikar Abhiyaan. From August 19 to September 16, the Abhiyaan held dialogues across the state which culminated with a Dalit manifesto released on September 28. In both the dialogues and the manifesto, a key demand is to deny a ticket to anyone accused of Dalit atrocities.

“The Congress heard our demand and denied candidature to Malinga, even though it may hurt them electorally. We welcomed their principled stand but are outraged by this turn of events,” said Meghwanshi.

§

Here is the full text of the letter:

( भाजपा को खुला पत्र )

नड्डा जी,मोदी जी,क्या यही है भाजपा का दलित-वाल्मीकि प्रेम ?

श्रीमान नरेंद्र मोदी जी

माननीय प्रधानमंत्री

भारत सरकार

एवं

श्रीमान जे पी नड्डा जी

राष्ट्रीय अध्यक्ष

भारतीय जनता पार्टी

नई दिल्ली

 

महोदय जी

हम राजस्थान के दलित संगठन आप दोनों के संज्ञान में कुछ बातें लाना चाहते हैं.हालाँकि आपको जानकारी होगी

ही कि राजस्थान में बढ़ते दलित अत्याचार के मामलों में एक क्रूर हमला धोलपुर जिले के बाड़ी विधानसभा क्षेत्र के

विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा और उनके साथियों द्वारा किया गया था,जिसमें दलित इंजिनियर हर्षाधिपति

वाल्मीकि के शरीर की हड्डियाँ 22 जगहों से तोड़ दी गई,उन्हें मरणासन्न स्थिति में अस्पताल पहुँचाया गया,हत्या

के प्रयास के इस मामले में घायल हुए हर्षाधिपति वाल्मीकि 605 दिन बाद आज भी खड़े होने की स्थिति में नहीं है

और वे सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में आज भी बेड पर हैं.

गंभीर रूप से घायल हर्षाधिपति वाल्मीकि से भाजपा के नेता एसएमएस अस्पताल के आइसीयू जा कर मिले,इनमें

नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़,प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया,प्रदेश प्रवक्ता हिमांशु शर्मा और भाजपा नेता लक्ष्मी

कान्त भारद्वाज ने सार्वजनिक रूप से विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा द्वारा दलित इंजिनियर पर हमले की कड़ी

निंदा की और अपने अपने सोशल मिडिया पर लिखित और मौखिक बयान भी दिए,जो अभी भी मौजूद है.नेता

प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा था–“आज एसएमएस अस्पताल पहुंचकर बाड़ी से कांग्रेस विधायक की बर्बरता व

गुंडागर्दी के शिकार हुए एइएन हर्षाधिपति वाल्मीकि की कुशलक्षेम पूछी और डाक्टरों से स्वास्थ्य के बारे में

जानकारी ली,यह तस्वीरें कांग्रेस शासन के जंगलराज को स्वत: ही बयां कर रही है”

महोदय,आपकी राजस्थान में पार्टी के जिम्मेदार नेताओं ने जिस तरह से जब इस मुद्दे पर बोला और गिर्राज सिंह

मलिंगा की आलोचना की तो हमें उम्मीद जगी कि ये सब लोग आरोपी को सजा दिलाने में मदद करेंगे.दलित

अत्याचार के आरोपी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा का राजस्थान के पूरे दलित समुदाय ने जमकर विरोध किया कि

उन्हें टिकट नहीं दिया जाये.दलित समाज की मांग के मद्देनजर तीन बार के विधायक गिर्राज मलिंगा को कांग्रेस

 

ने टिकट नहीं दिया,लेकिन अफ़सोस के साथ कहना पड़ रहा है कि जिसे भारतीय जनता पार्टी ने जंगलराज कहा,उस

जंगलराज को लाने वाले कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को ही गले लगा दिया.भाजपा ने न केवल उन्हें पार्टी

में शामिल किया बल्कि टिकट दे कर विधायक प्रत्याशी बनाया है.हम स्तब्ध है कि दलित अत्याचार के आरोपी

विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह राठौड़ ने धूमधाम से खूब ख़ुशी से भाजपा

में शामिल किया तथा इस अवसर पर सार्वजनिक मंच पर मिठाइयाँ बांटी गई और मलिंगा को लड्डू खिलाकर

स्वागत किया गया.

श्रीमान,जिस तरह से आपकी पार्टी ने जानलेवा हमले में घायल दलित इंजिनियर हर्षाधिपति वाल्मीकि के घावों पर

नमक छिड़का है,वह साबित करता है कि भाजपा दलितों पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ कार्यवाही नहीं

करवाती बल्कि अत्याचारियों को पुरुस्कृत करती है और यह सन्देश देती है कि अगर उनकी सत्ता आई तो दलितों

पर अत्याचार करने वालों का जंगलराज चलेगा.घायल हर्षाधिपति समाज के सबसे वंचित वर्ग वाल्मीकि समुदाय से

हैं,एक ऐसा समुदाय जिसने हजारों साल से अब तक हम सबकी घृणा और भेदभाव सहा है तथा आज भी सह रहा

है.मलिंगा के भाजपा प्रवेश के बाद हमारे मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या यही है आपकी पार्टी का दलित

वाल्मीकि समुदाय के प्रति प्रेम? क्या इस चुनाव में आपकी पार्टी द्वारा लगाया गया ‘दलित अत्याचार-नहीं सहेगा

राजस्थान’ का नारा महज एक चुनावी बात मात्र है ?

महोदय,हर्षाधिपति के मामले में आपकी पार्टी का यह स्टेंड देख कर हमें बहुत धक्का लगा है,हमें विश्वास ही नहीं

हो पा रहा है कि क्या एक जिम्मेदार राजनीतिक दल का ऐसा दोहरा चरित्र भी हो सकता है? समाज के सबसे

वंचित वर्ग के पीड़ित व्यक्ति के साथ आपके दल की इतनी नफरत अविश्वसनीय है.आप मन की बात करते हैं और

मंचों पर विभिन्न मुद्दों पर बेबाकी से पूरी बात कहते हैं,क्या आप राजस्थान में अपनी जन सभाओं में हर्षाधिपति

वाल्मीकि पर जानलेवा हमले के आरोपी गिर्राज सिंह मलिंगा के बारे में मंच से बात करेंगे ?क्या भाजपा अपनी इस

गलती का सुधार करेंगी? क्या आप दोनों अपने अत्यंत व्यस्त समय में से कुछ वक़्त निकाल कर सवाई मानसिंह

हॉस्पिटल अस्पताल में जाकर हर्षाधिपति वाल्मीकि से मिल कर उसे न्याय का भरोसा दिलाएंगे,क्या भाजपा

सार्वजनिक मंच से मलिंगा द्वारा किये गए अत्याचार पर बोलेगी ?

महोदय,हम हर दिन दलित अत्याचारों पर सवाल पूछेंगे,हम तो हर्षाधिपति वाल्मीकि के साथ इस इंसाफ की लड़ाई

में साथ खड़े रहेंगे,पर आपसे यह जानना चाहेंगे कि इस देश और प्रदेश में दलितों का खून इतना सस्ता क्यों है और

आपकी पार्टी को समाज के सबसे वंचित दलित वाल्मीकि समुदाय के प्रति तनिक भी संवेदनशीलता क्यों नहीं है?

हम यह भी पूछेंगे कि दलित अत्याचार के आरोपी विधायक मलिंगा को क्या आपकी पार्टी बाहर का रास्ता दिखायेगी

या दलितों के घावों पर नमक छिडकना जारी रखेगी ? हम बड़ी बेसब्री से आपके बयान की प्रतीक्षा कर रहे हैं,हमें

उम्मीद है कि आप दलित इंजिनियर हर्षाधिपति वाल्मीकि के मामले में बोलेंगे और जरुर बोलेंगे.

इसी प्रतीक्षा में

सादर

भवदीय

हम है

सत्यवीर सिंह (सेनि.आईपीएस), सतीश कुमार (एडवोकेट ),तारा चंद वर्मा (एडवोकेट),डॉ महेंद्र कुमार आनंद (एडवोकेट) भंवर मेघवंशी (लेखक एव दलित चिन्तक) रेनू गेंगट ( दलित सामाजिक कार्यकर्ता ) सुमन देवठिया ( आगाज फाउंडेशन) (अनुसूचित जाति अधिकार अभियान राजस्थान,दलित सिविल सोसायटी राजस्थान,दलित आदिवासी घुमंतू अधिकार अभियान राजस्थान,अम्बेडकर बुद्दिस्ट फोरम,राजस्थान दलित अधिकार मंच,प्रगतिशील युवा वाल्मीकि संगठन )

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